जो सीधे-सच्चे
होते हैं इंसान
उनको नहीं जरुरत
होती चिकनी-चुपड़ी
बातें करने की
न ही होना पड़ता
विवश उन्हें
किसी के चरण चूमने को
उनका तो परिश्रमी
तन-मन
निश्छल व्यवहार
और स्पष्टवादिता ही
उनके आगे बढ़ने का
मार्ग प्रशस्त करते हैं।
लेखिका- संगीता सिंह तोमर