स्कूल के कुछ युवा शिक्षकों ने इस बार गणतंत्र दिवस को कुछ अलग ही ढंग से मनाने का निश्चय किया.
इस पल को यादगार बनाने के लिए रंगारंग कार्यक्रम के दौरान बच्चों को कागज के छोटे-छोटे तिरंगे दिए गए.
पूरा वातावरण तिरंगामय हो गया.
कार्यक्रम समाप्त होने पर सभी देश भक्तिगीत गाते हुए अपने घर की ओर चले गए और सैकड़ों तिरंगे जमीन पर पड़े-पड़े धूल खाते रहे.
**चित्र गूगल से साभार**
बेहद उम्दा कटाक्ष्…………। सभी को गणतन्त्र दिवस पर हार्दिक बधाई
जवाब देंहटाएंशुक्रिया! वन्दना जी.
हटाएं....भावनाओं को हम कब समझेंगे ?
जवाब देंहटाएंशुक्रिया! संतोष त्रिवेदी अंकल जी.
हटाएंबहुत सुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति|
जवाब देंहटाएंगणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
शुक्रिया! Patali-The-Village जी.
हटाएंसुंदर भावपूर्ण प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंशुक्रिया! कुश्वंश जी.
हटाएंतिरंगे खाते नहीं हैं धूल
जवाब देंहटाएंचाट कर करते हैं भूल
भूल तिरंगे की नहीं
तिरंगा बनाने वाले की
गण फिर भी रहता है कूल।
शुक्रिया! अविनाश अंकल जी.
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